Monday, June 19, 2017

वो अनमोल अहसास

 वो अनमोल अहसास 

१. जब पहली बार पिता बना 
२. जब पहली बार उसकी धड़कन देखी 
३. जब पहली बार उसका अहसास अपनी हथेली पर किया 
४. जब पहली किलकारी उसकी  सुनी 
५.  जब  पहली बार उसके चेहरे को देखा 
६.  जब  पहली बार उसे अपनी गोद में लिया
७. जब पहली बार वो मुस्कुराई
८. जब पहली बार वो  कुछ बोली
९. जब पहली बार वो घुटनो से चली
१० जब पहली बार उसने पापा बोला

वो अनमोल अहसास जीवन भर याद रहेगा

i love my daughter .........

Thursday, December 29, 2016

Essay on notebandi in hindi

नोटबंदी पर निबन्ध 


 भारत सरकार  कालेधन से निपटने के लिए ८ नवम्बर २०१६ रात्रि १२%०० बजे से ५०० व १०००के नोटों को बंद करने का फैसला किया। माननीय प्रधानमंत्री मोदीजी के इस फैसले से कालाधन रखने वालोमे परेशानी देखने को मिली वही आम जनता ने प्रधानमंत्री मोदी जी का एक साहसिक कदम बताते हुए फैसले का स्वागत किया।  

नोटबंदी करने के कारण -
                     देश में बढ़ते भ्रष्टाचार] टेक्स चोरी करने वाले] कालाधन रखने वालो व कालेधन केउपयोग से होने वाले अपराधिक काम व देश की प्रगति में बाधक बनने वाली समस्याओ  से निपटने के लिए भारत सरकार ने ५०० व १००० के नोटो को बन्द करने का ऐतिहासिक  फैसला लिया।जिससे काले धन की रोकथाम हो सके और साथ ही साथ नकली नोट की भी रोक थाम हो सके  तथा लोगोके पास जो धन ] कालेधन के रूप में है वो भी बहार आ सके। 


नोटबंदी का आम जनता पर असर-
                 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के इस फैसले से आम जनता में काले धन से निपटने का हौसला तो जागा परन्तु धीरे धीरे जनता किपरेशानीय बढ़ती गयी।  लोगों को अपना काम छोड़कर सारा सारा दिन बैंक और एटीएम की  लाइन में लगना  पडा फिर भी वो अपना पैस न तो  निकल पाये और न ही जमा  करवा पाए। जिससे उनके रोजमर्रा   काम रूक गए।  नोटबंदी के कारण बीमार लोगो को परेशानी का सामना करना पड़ा। वही जिन  घरो में शादिया  भी वयवस्था करने में काफी कठनाईयो का सामना करना पड़ा। 
  
 नोटबंदी का व्यपार पर असर -
                         नोटबंदी का असर जहा जनता पर हुआ वही व्यपारियो पर भी इसका असर असमान्य रूप से हुआ ५००व १००० के नोटों  के बंद होने से माल का आवागमन रूक गया।  छोटे नोटों की कमी के कारण लोग घरो में  उपयोग होने वाले रोजमर्रा के सामान भी खरीदने में असमर्थ हुए।   वजह से बाजार में सामान ख़त्म और महँगा होने की अफवाह भी खूब रही।  जिससे जनता को  काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।   

नोटबंदी की कमियां -
                              सरकार का नोटबंदी का फैसला पूरी तरह सफल  नहीं हो पाया। यह भ्राष्टचारियो और टेक्स चोरो को पकड़ने के लिए सरकार द्वारा जल्दबाजी में लिया गया फैसला प्रतीत होता है।  सरकार को अपने फैसले बार-बार बदलने पड़े हलाकि राजनैतिक विरोध के बाद भी ५०० व १००० के नोटों को बंद करने का फैसला वापस नहीं लिया गया।  छोटे नोटों की कमी को पहले ही पूरा कर दिया जाना चाहिए था इसमें भी सरकार की  दुरदर्शिता  की कमी नजर आयी।  बैंक पूरी तरह से इसके लिए तैयार नहीं थे।  जिसकी वजह से आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ा।  

नोटबंदी के लाभ - 
                        ५०० व १००० के नोटों को बंद करने का जो सबसे बड़ा कारण  पूरा होता दिखाई दिया।  धीरे-धीरे जो धन लोगो के पास कालेधन के रूप में था वो बहार आने लग गया।  नकली नोटे भी पुरी तरह से बाजार में खत्म  हो गए धीरे -धीरे टैक्स चोरी भी खत्म हो जायेगी। 

उपसंहार-
                यह सरकार का एक ठोस कदम कालेधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ था।  जिसमे कई चुनोतिया थी कई राजनैतिक विरोध थे जनता की परेशानिया थी फिर भी जनता सरकार के साथ खड़ी दिखी।  कुल मिलकर ये फैसला न तो सफल कहा जा सकता है न ही असफल   


Monday, November 18, 2013

खुशियाँ बॉटो।

मैं उन लोगो से ये कहना  चाहता हूँ . लोग दीवाली और होली जैसे त्योहार पर  हजारो रूपये के पठाके जला देते हैं . अगर वो लोग किसी गरीब के घर उन्ही पैसो से कुछ दीप और मिठाई दे तो  उनका परिवार भी इन त्योहार का आनंद ले ले . और उनकी खुशियो के साथ हम भी खुश हो सके और हमें भी अंदुरुनी शांति मिलें। ....
 
आखिर हम उनके  बारे में सोचेगे तभी तो त्योहारों कि असली खुशियाँ  हर  भारतवासी के चेहरे पर दिखेंगी।

Friday, September 20, 2013

दंगा

जब कभी सांप्रदायिक दंगा   होता है तो  सबसे ज्यादा नुक्सान  किसी और को नहीं सिर्फ हमें ही होता है और हम लोग  नहीं क्यों धर्म के नाम पर आपस में लड़ते है . कभी सोचा है की इन सब से सबसे ज्यादा फायदा किसे होता है. मेरे ख्याल से सबसे जायदा फायदा किसी और को नहीं सिर्फ और सिर्फ राजनितिक पार्टी को ही होता है और वो हम लोगो को भावकता का फायदा उठाते है पर कभी किसी को ये नहीं समझ में आता है की जो खोया वो हमने खोया और पाया क्या सिर्फ नफरत और नफरत …. मैं देश वासियों से आपिल करुगा की अपने विवेक का इस्तेमाल करे और किसी भी तरह की अफ्वोया पर ध्यान न दे…… 

Friday, August 30, 2013

cricket vs other game

Sports(Khel)--------------cricket vs other game...............

       hamare desh ke khiladi jo hamesha kahte hai ki cricket ke players ko others games ke players ki tulana me jayada publicity aur paisa milta hai ....un khiladiyo se main ye kahana chahuga wo isliye hai ki wo apna pradarshan hamesha aach rahkte hai jabki other games ke khiladi to apna pradarshan hi nahi kar pate hai aur jin palayers ne apna khel aacha kiya hai aur hamesha hi pradarshan aacha kiya hai unka naam bh hua hai aur unhe paisa bhi mila hai..ex---saniya mirza,saina nehwal,jala gutta ,vijendra singh,....he hocky players se yahai khana chahuga kii agar aap bhi apna pradarsha aacha karege aur india ko jeet dilayege to aapka bhi utna hi naam hoge jinta cricketer ka hota hai....

Saturday, May 15, 2010

Sapne(Dream):-

Kya hai ye sapne aur kyu dekhate hai ham sapne.sapne hote hai hamere aapne.log kahate hai ki khuli aankh(eyes) se sapne dekh raha hai.iska matlab wo nahi janta jo kahata hai par wo janta hai jo wakai me khuli aankh se sapna dekh raha hai.matalab hai ki wo un sapno ko haakikat ka rup dena chahata hai jo usne kabhi dekhe hai.sote hue to sab hi sapne dekhte hai kuch yaad rahte hai aur kuch bhool jate hai.par khuli aankho se dekhe gaye sapne kabhi nahi bhulte aur hum unhe pura karene ki koshish karte rahte hai.isliye mere dost sapne dekho khuli aankho se aur unhe pura karne ki koshish karo.sapne dekhna buri baat nahi hai par unhe pura karne ke liye koshish na karna buri baat hai.

so have a nice dream in your eyes and try to make it a shape.

Wednesday, April 7, 2010

Indian Women

Main un logo ke bare main likh raha hu jo aaj womens ko pareshan aur gandi nazar se dekhate hai.kya un logo ko ye dimag nahi hota hai ki jis tarah wo dusari ladiyo ko dekhate hai ya un paar comment karte hai.to kya unke ghar ladkiya nahi hoti hai agar hoti hai to wo ye kyu nahi sochte ki jis tarah wo aaj dusari ladkiyo ke saath is tarah ka saluk kar rahe haii kal ke din koi inke ghar ki ladjiyo ke saath bhi waisa saluk kar sakta hai.agar sab is tarah ki soc bana le to womens ka ghar se bahar nikalna hi dubhar ho jayega.




think abut it.